सेंट्रल ब्लॉक, पहली मंजिल
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अरबी और फारसी पांडुलिपियां
अरबी और फारसी पांडुलिपियां संग्रहालय की सबसे मूल्यवान संग्रहों में से एक हैं. संग्रहालय में प्रसिद्ध कैलीग्राफरों के कार्य प्रदर्शित हैं. प्रदर्शित वस्तुओं में सबसे पुरानी पांडुलिपि 'पवित्र कुरान' है, जिसे चर्मपत्र पर नीले रंग की पृष्ठभूमि पर अरबी भाषा की ‘नश्ख' लिपि में लिखा गया है और यह 9वीं शताब्दी की है. इसके अलावा, संग्रहालय में कई पवित्र कुरानें हैं, जिन्हें प्रकाशमान और सुसज्जित किया गया है.
'नश्ख' शैली में लिखी कुरान कुरान में प्रचूर मात्रा में मेसोपोटामियन सजावट और सुंदर लिखावट देखी जा सकती है और कहा जाता है कि इसे अंतिम अब्बासिद खलीफा मुस्तसिम बिलह के दरबार के कैलीग्राफर याकुत ने लिखा था. यह एक उत्कृष्ठ कृति है, जिसमें सम्राट जहांगीर, शाह-जहां और औरंगजेब के हस्ताक्षर भी हैं.
सम्राट जहांगीर द्वारा हस्ताक्षरित पुस्तक, जिसे उनके उनके चाचा हाकिम मिर्जा द्वारा काबुल के राजा होने के दौरान द्वारा जहांगीर के पिता अकबर को सौंपा गया था, इस पुस्तक की पांडुलिपि को "कविताओं की पुस्तक" कहा जाता है और इसे महान फारसी रोमांटिक कवि हाफिज द्वारा लिखा गया है.
कुरान की आयतोंवाला चोगा, अरबिया, 9वीं से 15वीं शताब्दी के बीच