सेंट्रल ब्लॉक, पहली मंजिल
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वनस्पति और जीव
इस संग्रहालय में न केवल भारत से बल्कि दुनिया भर की कला संग्रहों की समृद्ध विविधता है. सलारजंग – III स्वयं जानवर – प्रेमी और जागरुक पर्यावरणविद था. उनके संग्रह मिट्टी के बर्तन, धातु, लकड़ी, हाथीदांत और वनस्पति व जीवों को दर्शाते हैं, जो मीडिया के लिए दुर्लभ हैं.
हालांकि, नवाब ने जंगली जीवन से संबंधित कई वस्तुएं संग्रहित की थी, लेकिन वे अपने पूर्ववर्ती नवाबों की तरह शौकिया शिकारी नहीं थे. 20वीं शताब्दी में उन्होंने यूरोप, भारत और चीन से राहिनोसोरस, हिप्पोपोटोमस और हाथी के मिट्टी के मॉडल एकत्रित किए थे. इन गैलरी में शेर, बाघ, लेंकी हाउंड और हिरण की यूरोपीय कांस्य प्रतिकृतियां भी हैं. साथ ही, 19वीं शताब्दी के हाथीदांत से बनी एक जापानी प्रतिकृति है, जिसमें एक मगरमच्छ पर शेर हमला कर रहा है. साथ ही, अन्य जंगली - जीवन को दर्शाती कलाकृतियां भी हैं.
नवाब का जीवों के प्रति प्रेम पालतु जानवरों तक बढ़ गया था. बिल्लियों और कुत्तों से उनको बहुत प्रेम था. इन गैलरियों में फारसी, सियामी बिल्लियों और जापानी बुलडॉग और पग की प्रतिकृतियां भी हैं. ये सभी प्रतिकृतियां 20वीं शताब्दी के यूरोप की हैं. वे घोड़ों और पोलो के टट्टूयों के बड़े शौकीन थे, यहां पर घोड़ों की फ्रेंच कांस्य की बनी प्रतिकृतियां हैं, जिनमें कलात्मक आकृतियों जमीन पर लेटकर घोड़ों की लगाम को पकड़े हुए हैं.
इनके अलावा, गैलरी में 19वीं शताब्दी की धातु से बनी कई पक्षियों और 19वीं और 20वीं शताब्दी के बीच के सभी रेंगनेवाले जीवों (रेपटाइल) की प्रतिकृतियां हैं.
भूरा खरगोश, सांप की प्रतिकृतियां
मकाऊ और तोते की प्रतिकृतियां