सेंट्रल ब्लॉक, निचली मंजिल
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भारतीय मूर्तिकला
सलारजंग संग्रहालय में कुछ समृद्ध भारतीय पत्थर की मूर्तियां हैं, हालांकि इनकी संख्या बहुत कम है. प्राचीन भारतीय मूर्तियों में हमें अक्सर विभिन्न लक्षणोंवाली मूर्तियों देखने को मिलती हैं, इनका कारण था कि मूर्तिकार अपने क्षेत्र की मूर्तिकला शैली में कुशल थे और अक्सर वे अन्य क्षेत्रों की कला को सीखने के लिए दूसरे स्थानों पर चले जाते थे. यह ज्ञान पिता से पुत्र को दिया जाता था. मूर्तिकारों का अपना संघ होता था, जिसे समाज में उच्चतम श्रेणी का दर्जा दिया जाता था.
भारतीय मूर्तिकला गैलरी में ईसा पूर्व पहली शताब्दी से लेकर 19वीं शताब्दी तक की तिरालीस पत्थर की मूर्तियां हैं. ये मूर्तियां बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट, चूना पत्थर और संगमरमर से बनी हैं. गैलरी में चौबीस हिंदू मूर्तियां, छह जैन मूर्तियां और पांच बौद्ध मूर्तियां हैं. कुछ मूर्तियां 'गंधरा' और 'मथुरा' काल से पहली और दूसरी शताब्दी के शुरुआत की हैं. यह इस संग्रहालय का गौरव है कि यहां गंधरा काल की दो दुर्लभ शीष्ट प्रत्थर की मूर्तियां और सुंग वंश की बादामी पत्थर की कुछ मूर्तियां भी हैं.
कृष्णा नदी के तट पर स्थित नागर्जुनकोंडा, भारत के प्रसिद्ध बौद्ध केंद्रों में से एक है. विजयपुरी क्षेत्र के इक्ष्वाकुओं ने शातवाहनों को हराकर पहली और दूसरी शताब्दी के दौरान आंध्रा पर शासन किया. उन्होंने बौद्ध धर्म को संरक्षित किया और 'इक्ष्वाकू बुद्ध' (खड़े बुद्ध) के रूप में कई मूर्तियों का निर्माण किया, जिन पर 'तिलक' और चूना पत्थर में घुंघराले बाल थे.
Contemporary with Gandhara school, an indigenous school of sculpture arose at Mathura under the rule of Kushan kings, ‘Buddha in ‘Dhyana mudra’ and a ‘Salabhanjika’ of Mathura period are some of the prized possessions of the Museum.
The Gupta dynasty (320 A.D - 540 A.D) is said to be the ‘Golden age’ of India in the field of art, culture and literature. Salar Jung museum possesses a fine collection of granite sculptures depicting Hindu themes like “Vishnu with two consorts” from Mathura and “Yaksha with two consorts” from Kosambi. “Anantasayi Vishnu” is one of the prized possessions of the Museum, it projects Vishnu lying on a serpent, with carvings of his 10 incarnation and Garuda at his feet, this sculpture made during the ‘Kakatiya’ dynasty (11th-13th centuries) represents a Hindu mythological theme.
The museum gallery has six Jaina sculptures. There are two standing sculptures of ‘Parsvanatha” and “Mahavira” with a canopy and seven headed Naga and tirthankaras at the four corners, inscribed with Kannada script, and made in Basalt stone.
अनंतशायन विष्णु, संगमरमर, काकतिया काल, 12वीं शताब्दी