सेंट्रल ब्लॉक, निचली मंजिल
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वील्ड रेबेका
संगमरमर शब्द की उत्पत्ति यूनानी शब्द 'मार्मारोस' से हुई है, जिसका अर्थ है पत्थर या बोल्डर. मूर्ति बनाए जानेवाले पत्थर की यह विशेषता होती है कि इस पर प्रकाश पड़ने से यह बहुमूल्य संगमरमर का रूप ले लेता है. इस संग्रहालय में ऐसे संगमरमर की मूर्तियां पर्याप्त संख्या में हैं, जिनमें से अधिकांश प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा यूनानी पौराणिक मूर्तियों की प्रतियां हैं.
इस संग्रहालय में मिलान के मूर्तिकार जी.बी बेंजोनी द्वारा 1876 बनाई गई "वील्ड रेबेका" नामक मूल संगमरमर की एक मूर्ति है, जो संग्रहालय की शान है. इस मूर्ति की कला की जो विशेषता इसे असाधारण बनाती है, वो है इसमें 19वीं शताब्दी के नियो क्लासिकल काल की सभी उत्कृष्ठ विशेषताओं का शामिल होना. यह पूर्ण रूप से आनुपातिक सुंदरता लिए हुई मूर्ति है, जिसमें एक यहूदी महिला रेबेका ऐसे आकर्षक ढंग से खड़ी है, जिसका मुख पारदर्शी घूंघट में ढका हुआ है.
इस मूर्ति के पर्दा और आकृति - दोनों को संगमरमर के एक ही टुकड़े से बनाया गया है. कपड़े का मुड़ाव, क्रीज़ और मूर्ति के मुड़ाव, जिससे रेबेका की नजा़कत छलकती है, को बहुत ही परिशुद्धता, लचीलेपन और सावधानीपूर्वक बनाया गया है. इस मूर्ति को सलारजंग - I द्वारा रोम की यात्रा के दौरान सन् 1876 में खरीदा गया था. देशभर में इस मूर्ति के कई प्रशंसक हैं, जो इसे देखने आते हैं.